पोषण ट्रैकर से मिशन पोषण 2.0 में पारदर्शिता और सेवा वितरण हुआ मजबूत

Sat 06-Dec-2025,02:32 AM IST +05:30

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पोषण ट्रैकर से मिशन पोषण 2.0 में पारदर्शिता और सेवा वितरण हुआ मजबूत
  • सक्षम आंगनवाड़ी के तहत पोषण ट्रैकर ऐप से बच्चों की उपस्थिति, पोषण स्थिति और भोजन वितरण की रियल टाइम मॉनिटरिंग पहली बार डिजिटल स्तर पर संभव हुई।

  • THR वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम जोड़ा गया, जिससे लाभार्थियों को सही पहचान के आधार पर सेवाएँ सुनिश्चित हो सकें।

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    8.95 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐप उपयोग, डिजिटल डेटा एंट्री और ECCE सामग्री प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण देकर सिस्टम को मजबूत किया गया।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 के तहत भारत सरकार ने पोषण सेवाओं में पारदर्शिता, दक्षता और डिजिटल मॉनिटरिंग को मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर आईटी सिस्टम का उपयोग शुरू किया है। इसी उद्देश्य के साथ 1 मार्च 2021 को लॉन्च किया गया ‘पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन’ अब देशभर के आंगनवाड़ी केंद्रों की गतिविधियों को लगभग रियल टाइम में रिकॉर्ड और मॉनिटर करने का सबसे प्रभावी उपकरण बन गया है।

यह ऐप आंगनवाड़ी केंद्रों (AWC), आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWW) और लाभार्थियों- जैसे गर्भवती महिलाएँ, स्तनपान कराने वाली माताएँ और बच्चे के लिए निर्धारित संकेतकों पर ट्रैकिंग की सुविधा देता है। बच्चों में स्टंटिंग, वेस्टिंग, कम वजन जैसी पोषण संबंधी चुनौतियों की पहचान में यह ऐप अब महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पोषण ट्रैकर के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों के खुलने-बंद होने का समय, बच्चों की दैनिक उपस्थिति, विकास मापन, ECCE गतिविधियाँ, गर्म पका भोजन (HCM) और टेक-होम राशन (THR) की आपूर्ति की स्थिति जैसी जानकारियाँ डिजिटल रूप से अपडेट की जाती हैं। इससे न केवल सिस्टम पारदर्शी हुआ है, बल्कि लाभार्थियों को सेवाओं की वास्तविक उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।

मंत्रालय ने ऐप में ** फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS)** भी शामिल किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि THR का लाभ केवल रजिस्टर्ड लाभार्थी को ही मिले। इससे फर्जी प्रविष्टियों और गलत वितरण पर रोक लगी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि फेस वेरिफिकेशन से संबंधित सभी डेटा एन्क्रिप्टेड ट्रांसमिशन के साथ सुरक्षित रखा जाता है।

एप्लिकेशन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए स्वयं-शिक्षण मॉड्यूल, प्रशिक्षण वीडियो, ECCE सामग्री और परामर्श वीडियो भी उपलब्ध हैं, जो जन्म की तैयारी से लेकर स्तनपान तक की जानकारी प्रदान करते हैं। फील्ड में काम करने वाले कार्यकर्ताओं के लिए राज्यों ने स्मार्टफोन उपलब्ध कराए हैं, और हर आंगनवाड़ी केंद्र के लिए वार्षिक इंटरनेट कनेक्टिविटी चार्ज भी दिया जा रहा है।

ब्लॉक और जिला समन्वयक ऐप उपयोग में आने वाली तकनीकी दिक्कतों को हल करने और कार्यकर्ताओं को ऑन-ग्राउंड सहायता देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। 30 नवंबर 2025 तक देश में 8,95,814 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे डिजिटल क्षमता निर्माण का दायरा काफी बढ़ा है।

शिकायत निवारण के लिए मंत्रालय ने ऐप में शिकायत दर्ज करने की सुविधा के साथ पोषण हेल्पलाइन 1515 भी शुरू की है। यह हेल्पलाइन 17 भाषाओं में उपलब्ध है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐप से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए सहायता प्रदान करती है।

डेटा सुरक्षा के लिए पोषण ट्रैकर में कई स्तर के संरक्षण उपाय लागू किए गए हैं—जैसे रोल-बेस्ड एक्सेस, लॉगिंग, एन्क्रिप्टेड डेटाबेस, इन्फॉर्म्ड कंसेंट और अस्थायी फाइलों का ऑटो-डिलीट सिस्टम। ऐप पर उपलब्ध कोई भी व्यक्तिगत डेटा सार्वजनिक रूप से एक्सेस नहीं किया जा सकता। महिला और बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि मिशन पोषण 2.0 एक यूनिवर्सल, सेल्फ-सिलेक्टिंग स्कीम है, जिसमें लाभ के लिए कोई बाधा नहीं है और सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में इसे प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है।